मेरा संघर्ष - आज कल के हालातों को देख Hindi Poetry By Abhivyanjana ( अभिव्यंजना ) आज कल के हालातों को देख याद आता है संघर्ष अपना खुद से कहा था ना है थकना ना ही रुकना मेरा संघर्ष - आज कल के हालातों को देख | Mera Sangharsh - आशु | अभिव्यंजना ना है कोई संगी ना है कोई साथी ना तोड़नी है हिम्मत बाकी क्या हुआ जो ये ज़माना साथ नहीं पर तुझे पूरी करनी है डगर बाकी लोगों का क्या वो तो कहेंगे पागल है रास्ता लंबा है वापस आ जा पर कहा मैंने खुद से ना रुकना है ना झुकना है ये सफर तो पूरा करना है जो सोचा है वो हासिल करना है जो सपना है वो सच करना है हां थोड़ा थकी जरूर थी ज़िन्दगी की राहों में मेरा संघर्ष - आज कल के हालातों को देख | Mera Sangharsh - आशु | अभिव्यंजना पर हिम्मत और हौसला था अभी भी बाकी समेट खुद को फिर उठी और चली मंजिल की ओर पाई मंजिल और सफ़र किया पूरा मुझे मेरे हौसले ने मेरी पहचान दिला दी बस कहना चाहती हूं अंत में सबसे एक बात जीवन में आते है कई बार कठिन हालात मंजिल होती है दूर पर राह होती है हमारे साथ थोड़ा-थोड़ा कर के निरंतर आगे बढ़ते जाना है रखना है हौसला ना क
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